अपनों को हर साल 10 लाख करोड़ रुपये भारत भेज रहे NRI, विदेशों में बढ़ रहे भारतीय पासपोर्ट धारक

नई दिल्ली: पूरे विश्व में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्या है। प्रवासी भारतीय भारत में अपने परिजनों के संपर्क में भी बने हैं और उनका पालन पोषण भी कर रहे हैं। ये एनआरआई (NRI) विदेशों से अपने परिजनों को हर साल बड़ी धनराशि भेजते हैं। जानकारी के मुताबिक बीते वित्तीय वर्ष में तो 2024-2025 के दौरान विदेशों से आई राशि 125 अरब डॉलर यानी करीब 10 लाख करोड़ रुपये तक आंकी जा रही है।

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग और RBI के मुताबिक पिछली छमाही में 61.4 अरब डॉलर की राशि भारत भेजी गई है। जबकि दूसरी किस्त में भेजी राशि को मिलाकर यह कुल 125 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। अपनों की जरूरतों को पूरी करने के लिए हर साल ये धनराशि एनआरआई भारत भेजते हैं।

विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट पर गौर करें तो हाल के कुछ वर्षों में देखा गया है कि एनआरआई की ओर से भारत भेजने वाली राशि में इजाफा हुआ है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि विदेशों में भारतीयों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। काफी संख्या में लोग एजुकेशन के बाद जॉब के एब्रॉड जा रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो 2023-24 में 118.7 अरब डॉलर राशि भारत भेजी गई थी, जबकि 2022-23 में यह राशि 112.5 अरब डॉलर थी। कोविड के दौरान 2021-22 में यह राशि 89.1 अरब डॉलर थी।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीय जिनके पास भारतीय पासपोर्ट है और रोजगार या किसी अन्य वजह से विदेशों में रह रहे हैं उनकी संख्या 1.75 करोड़ से अधिक बताई जा रही है और इनकी संख्या लगातार बढ़ भी रही है।  दूतावासों के जरिए इनके आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।

मंत्रालय के मुताबिक सरकार को चाहिए कि बाहर रह रहे एनआरआई को देश में निवेश करने के लिए भी प्रेरित करे। म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार और रियल स्टेट में इनवेस्ट के नियम को आसान बनाना चाहिए। देश का कुल बजट करीब 50 लाख करोड़ के आसपास है। ऐसे में  केंद्रीय बजट के पांचवे हिस्से के बराबर की धनराशि ये एनआरआई हर साल भारत भेज रहे हैं जिससे देश की अर्थव्यवस्था को लाभ होता है।

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