भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 12 सितंबर 2024 की दोपहर 3.20 पर ओडिशा के तट से शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (SRSAM) का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है.
नौसेना के जंगी जहाजों में इसे वर्टिकल लॉन्च सिस्टम में लगाया जाता है. इसलिए इसे वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VR-SRSAM) भी कहते हैं. लेकिन इसका इस्तेमाल जमीन से भी हो सकता है.
इस मिसाइल में स्वदेशी रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर (RF Seeker) लगा है जो इसकी सटीकता को बढ़ाता है. यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट को खत्म करने में दक्ष है. डीआरडीओ चाहता है कि इस मिसाइल को लाकर नौसेना से पुरानी बराक मिसाइलों को हटाया जाए.
इस मिसाइल का वजन 170 किलोग्राम है. 12.9 फीट लंबी मिसाइल का व्यास 7 इंच है. इसमें लगे विंग्स का स्पैन 20 इंच है. इस मिसाइल में हाई-एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड लगाया जाता है. सॉलिड फ्यूल रॉकेट इंजन की मदद से उड़ान भरने वाली यह मिसाइल 80 किलोमीटर की रेंज तक मार कर सकती है.
यह मिसाइल अधिकतम 52 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी अधिकतम गति 4.5 मैक है. यानी 5556.6 किलोमीटर प्रतिघंटा. यानी दुश्मन को बचने का समय नहीं मिलेगा. इस मिसाइल की खासियत ये है कि ये 360 डिग्री में कहीं घूमकर अपने दुश्मन को खत्म करके ही मानती है.
इसे DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने मिलकर बनाया है. यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन के जहाज या मिसाइल को मार गिरा सकती है.