एमसीबी । मनेंद्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी जिले के भरतपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत रांपा का निवासी गोलू बैगा की यह कहानी जल जीवन मिशन की सफलता और आदिवासी समुदाय के जीवन में आए बदलाव का प्रतीक है। आदिवासी बैगा समाज जो वर्षों से अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करता रहा है, प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर इस समाज के लिए जल संकट एक गंभीर समस्या बना रहा था। गोलू बैगा जो पूरे दिन घरेलू कार्यों में व्यस्त रहा करता था, उसे पानी के लिए कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता था। यह कठिनाई न केवल उसके स्वास्थ्य और समय पर असर डाल रहा था, बल्कि उसके परिवार की सुख-शांति पर भी प्रभाव डाल रही थी।
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री साय के क्रांतिकारी सुशासन में जल जीवन मिशन योजना ने गोलू बैगा के जीवन में एक नई रोशनी ला रही है। केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार के नेतृत्व में इस योजना को ग्राम रांपा में लागू किया गया। इस योजना के तहत गोलू बैगा के घर में नल से शुद्ध पेयजल पहुंचने लगा।
गोलू बैगा के जीवन में आया बड़ा बदलाव
जल जीवन मिशन के तहत जब नल से शुद्ध पेयजल गोलू बैगा के घर तक पहुंचा, तो उसके जीवन में अद्भुत बदलाव आ रहा है। अब उसे पानी के लिए दूर नहीं जाना पड़ रहा है। पहले गोलू बैगा को समय से पानी लाने में तकलीफ हो रही थी और समय भी बर्बाद हो रहा था। अब वह इस समय का उपयोग कर अपने बच्चों की देखभाल खेती-बाड़ी और अन्य उत्पादक कार्यों में ध्यान लगा रहा है। गोलू बैगा ने बड़े ही उत्साह से बताया कि हमारे लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे घर के पास नल से शुद्ध पानी आएगा। अब न केवल हमें साफ पानी मिल रहा है, बल्कि इस शुद्ध पानी से मेरे परिवार की बीमारियां भी कम हो रहा हैं। बच्चों को पढ़ाई के लिए समय भी मिल रहा है, और हमारे घर की महिलाएं भी अब ज्यादा आत्मनिर्भर हो रही हैं।
गोलू बैगा ने आगे बताया कि मेरे घर में पेयजल संकट समाप्त होने से स्वास्थ्य में भी सुधार हो रहा है। दूषित पानी के कारण होने वाली बीमारियां, जो पहले गांव के लिए आम रहता था, अब लगभग खत्म हो चुका हैं। गोलू बैगा और उसके जैसे लोग अब बेहतर जीवन की कल्पना कर रहे हैं। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री साय की दूरदर्शिता और जनहितैषी सोच ने उसके सपनों को साकार किया है।
गोलू बैगा की कहानी यह बताती है कि कैसे सही नीतियां और योजनाएं समाज के सबसे पिछड़े वर्ग के जीवन को भी बदल सकती हैं। जल जीवन मिशन ने रांपा जैसे गांव को एक नई पहचान दी है। गोलू बैगा ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने हमारे लिए जो किया है, उसके लिए हम हमेशा उनके आभारी रहेंगे। यह योजना हमारे जीवन में उम्मीद की नई किरण लेकर आ रही है। अब हमारा गांव खुशहाल है और हम एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
गोलू बैगा की यह कहानी न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रेरणा रही है। उसने कहा कि जब सरकार और समुदाय एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। जल जीवन मिशन के माध्यम से न केवल पानी की समस्या का समाधान हो रहा है, बल्कि यह योजना ग्रामीण विकास और सामाजिक प्रगति का आधार भी बन रहा है।