वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में मंगलवार को टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पानी वाली कांच की बोतल तोड़कर समिति के अध्यक्ष की ओर फेंकी। इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद बनर्जी को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। इस घटना के बाद जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बनर्जी के आचारण की निंदा करते हुए कहा कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे। उन्होंने कहा कि यह अप्रत्याशित घटना है… वह सारी सीमाओं को लांघ गए थे, सारी मर्यादा को लांघ गए थे। अब इस पूरे घटनाक्रम पर टीएमसी का बयान सामने आया है। टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने कहा कल्याण बनर्जी का बचाव करते हुए कहा कि जगदंबिका पाल झूठ बोल रहे हैं।
वक्फ जेपीसी की बैठक के दौरान हुए घटनाक्रम पर टीएमसी नेता कुणाल घोष का कहना है, “जगदंबिका पाल जो कह रहे हैं वह निराधार है। कल्याण बनर्जी सही थे। पूर्व न्यायाधीश और बीजेपी सांसद (अभिजीत गंगोपाध्याय) उन्हें भड़का रहे थे और यही कारण है कि कल्याण बनर्जी थोड़ा नाराज हो गए। लेकिन कल्याण बनर्जी ने जो बातें कहीं वो सही बातें थीं। समिति का अध्यक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस कैसे कर सकते हैं? वह समिति की बैठक में राजनीति कर रहे हैं।”
बता दें जगदंबिका पाल के बयान देने और प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर कल्याण बनर्जी ने सवाल उठाया था। इसके साथ ही विपक्ष भी हमलावर दिखा। विपक्ष के नेताओं ने बुधवार को आरोप लगाया कि जगदंबिका पाल ने टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा समिति की बैठक के दौरान कांच की बोतल तोड़कर फेंके जाने की घटना के बारे में सार्वजनिक बयान देकर प्रक्रियाओं एवं नियमों का उल्लंघन किया है। दूसरी तरफ, पाल ने बुधवार को विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है और सिर्फ एक सदस्य द्वारा की गई हिंसा की घटना का उल्लेख किया।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद एवं संसदीय समिति के सदस्य ए. राजा ने दावा किया कि पाल ने प्रक्रिया एवं नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सांसद पाल जल्दबाजी में समिति की बैठकें कर रहे हैं जिससे यह संदेह जाता है कि यह समिति न्याय देने में सक्षम नहीं होगी। राजा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बैठक में जो कुछ हुआ, उसे उजागर करने के लिए अध्यक्ष ने यह जानते हुए भी एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया कि कार्यवाही गोपनीय है और इसका खुलासा नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘बैठक में घटी अप्रिय घटना के बावजूद अध्यक्ष द्वारा जिस तरीके से और जल्दबाजी में बैठक का संचालन किया गया, उससे सदस्यों एवं आम लोगों के मन में संदेह उत्पन्न होता है कि न्याय नहीं मिल पायेगा। आइए, हम बाधाओं के बावजूद अपने लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखने के लिए लड़ें।’’
आम आदमी पार्टी के सांसद एवं समिति के सदस्य संजय सिंह ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने बनर्जी से जुड़ी घटना के संबंध में कोई बयान नहीं देने का फैसला किया है। सिंह ने कहा, ‘‘सबसे पहले, बैठक के दौरान क्या हुआ, इसके बारे में सार्वजनिक बयान देना नियमों के अनुरूप नहीं है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अध्यक्ष ने मीडिया को बयान दिया।’’ विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए पाल ने कहा, ‘‘मैंने समिति की किसी कार्यवाही या विचार-विमर्श के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। मैंने केवल समिति की बैठक के दौरान एक सदस्य द्वारा की गई हिंसा की घटना और उसके बाद उसके निलंबन के बारे में बयान दिया है।’’ पाल ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा संसदीय प्रक्रिया के नियमों का पालन किया है और सदन की गरिमा को बरकरार रखा है।’’