मदरसा और दरगाह जाएगी भाजपा, अल्पसंख्यक मोर्चा ने बनाया 50 लाख सदस्यों का प्लान

भारतीय जनता पार्टी ने सदस्यता अभियान की तैयारियां कर ली हैं। खबर है कि अल्पसंख्यक मोर्चा ने भी पार्टी में 50 लाख सदस्य शामिल करने का लक्ष्य रखा है। कहा जा रहा है कि इसके लिए पार्टी मदरसा और दरगाह समेत कई स्थानों तक पहुंचेगी। इसके अलावा बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय और सिख समुदाय के सदस्यों को भी भाजपा शामिल कराने की कोशिश अल्पसंख्यक मोर्चा करेगा।

भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी की मौजूदगी में वर्कशप का आयोजन हुआ था। इसमें अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भी शामिल हुए थे। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सिद्दीकी ने बताया था कि सदस्यता अभियान 2 सितंबर से 10 नवंबर तक चलेगा। 1 सितंबर से शुरू हो रही प्राथमिक सदस्यता अभियान का आयोजन मोर्चा 2 चरणों में करेगा।

उन्होंने बताया कि पहला चरण 1 सितंबर से 25 सितंबर तक चलेगा और दूसरा चरण 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक चलेगा। अल्पसंख्यक मोर्चा का लक्ष्य देश में 50 लाख सदस्य जोड़ने का है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मोर्चा सूफी समुदाय तक पहुंचेगा, जिसके लिए 14 हजार सूफी वार्ता टीमें काम करेंगी। इसी तरह 22 लाख अल्पसंख्यक बहनें ‘शुक्रिया मोदी जी’ अभियान से जुड़ेंगी और ‘मोदी मित्र’ भी शामिल होंगे।

इसके अलावा जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सभी सदस्यों को 100-100 सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है।

सिद्दीकी ने कहा, ‘आज भाजपा मुख्यालय में अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य पूरे देश से जुटे हैं।… हम सूफी दरगाहों, मदरसो तक पहुंचेंगे और सदस्य बनाने के लिए ईसाई भाइयों से भी मुलाकात करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम सिख भाइयों से भी बात करेंगे और उन्हें सदस्य बनाएंगे। हम समाज के हर वर्ग तक पहुंचेंगे और उन्हें बताएंगे कि भारतीय भाजपा उनसे जुड़ना चाहती है। भाजपा ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की है और यह समय पार्टी में शामिल होने और राष्ट्र निर्माण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने का है।’

उन्होंने कहा, ‘जो कहते हैं कि भाजपा हमसे दूर हो गई है, तो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि पार्टी सभी के लिए खुली है और सभी इसमें शामिल हो सकते हैं, कार्यकर्ता बन सकते हैं और चुनाव भी लड़ सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं खासतौर से मुस्लिम समुदाय से इस मौके का फायदा उठाने के लिए कहना चाहता हूं। सदस्य, कार्यकर्ता और पदाधिकारी बनें और यहां तक कि समुदाय की सेवा के लिए चुनाव लड़ें। हम सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वालों से जुड़ेंगे और उनके जरिए लोगों से जुड़ेंगे।’

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