जीएसटी काउंसिल की बैठक में होंगे कई बड़े फैसले, छोटे कारोबारियों और आम जनता को मिल सकती है राहत

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक में कर दरों के समेकन पर गहन चर्चा शुरू हो गई है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं पर टैक्स का बोझ कम करना और टैक्स सिस्टम को सरल बनाना है। इसके साथ ही बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर कटौती पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि बीमा पॉलिसियों की लागत कम हो और लोगों के लिए उन्हें लेना आसान बने। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, GST काउंसिल ने कारोबारियों और कंपनियों के लिए कंप्लायंस को आसान बनाने वाले कई उपायों को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य है टैक्स सिस्टम को सरल, तेज और अधिक पारदर्शी बनाना, जिससे छोटे और बड़े दोनों तरह के व्यवसायों को लाभ हो।

क्या है डिटेल

NDTV के सूत्रों के अनुसार, GST काउंसिल ने व्यापारियों, MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए अनुपालन को आसान बनाने और टाइम बाउंड रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने वाले उपायों को मंजूरी दी है। इस फैसले के तहत, छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) और स्टार्टअप्स को जल्दी और आसान पंजीकरण की सुविधा मिलेगी। टैक्स रिटर्न फाइलिंग और इनवॉइसिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा।

इंश्योरेंस पर आ सकता है फैसला

बता दें कि दो दिवसीय बैठक में जीएसटी को लेकर बड़ी राहत की उम्मीद हैं। खबर है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में पहले दिन दरों को युक्तिसंगत बनाने और लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स कटौती को फोकस में रखा गया। CNBC TV18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंश्योरेंस दरों को युक्तिसंगत बनाने पर फोकस है। सितंबर के तीसरे सप्ताह तक अधिसूचनाएं जारी होने की उम्मीद की जा रही है। जीएसटी काउंसिल ने स्वचालित रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव रखा है।

क्या है Rate Rationalisation?

बता दें कि दरों को युक्तिसंगत बनाने का मतलब है विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर लागू GST दरों को सरल और संतुलित बनाना, ताकि टैक्स सिस्टम अधिक स्पष्ट, आसान और उपभोक्ताओं के लिए समझने योग्य हो। वर्तमान में, कई उत्पादों और सेवाओं पर अलग-अलग GST स्लैब (जैसे 5%, 12%, 18%, 28%) लागू हैं। इससे कन्फ्यूजन और प्रशासनिक जटिलता बढ़ जाती है। सरकार का प्रस्ताव है कुछ स्लैबों को घटा दिया जाए। प्रस्तावित सुधारों में मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के कर स्लैब को हटाकर केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो कर दरें रखना प्रमुख है। इसके अलावा कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर से कर लिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *