जानकारी के मुताबिक व्यक्ति राजधानी बस में कंडक्टरी का कार्य करता था जिसे वह लगभग 12 साल पहले ही छोड़ दिया था।
कोई काम नहीं करता था, घर वालों से अक्सर लड़ाई झगड़ा करते रहता था
पड़ोसियों का कहना है कि पत्नी ,बच्चे ,माँ सबने रिक्की दास को अकेले छोड़ दिया था इस कारण वह डिप्रेशन में रहने लगा ,तथा मानसिक रूप से तनाव में एवं विचलित मनःस्थिति का हो गया था
उसकी माँ ने भी उसे नकती सेमरा के घर में रहने के लिए भेज दिया था, आर्थिक तंगी होने से गुस्सा रहता था, मां ही राशन देने जाती थी, आज भी आरोपी रिक्की दास की मां चप्ला दास अपने बहिन के बेटे देवानंदा हीरा के साथ आरोपी को राशन देने के लिए गई थी की करीबन 3.30 बजे अपनी मां से झगड़ा करने लगा और उसी दौरान साथ में खड़ा मौसेरा भाई देवानंदा द्वारा लड़ाई झगड़ा मत करो कहने पर उसे लोहे के मोटे पाइप से देवानंदा को सिर पर वार कर मर्डर कर दिया और अपनी मां को भी जान से मारने की नियत से उसके भी सिर पर वार किया जिससे उसके मौत ईलाज के दौरान डिमरापाल में हो गई, मौके पर तत्काल जीरो में मर्ग तथा अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है, मौके पर FSL टीम को भी बुलाया गया था, आरोपी रिक्की दास कस्टडी में है, विवेचना जारी है