विदर्भ की 2457 सीटों पर 11000 से ज्यादा नामांकन, नागपुर में होगा कांटे का मुकाबला

विदर्भ के 80 नगर परिषद और 20 नगर पंचायतों के होने वाले चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला रविवार को बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया, जबकि सोमवार जो कि नामांकन का अंतिम दिन था।

नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन उम्मीदवारों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अंतिम क्षणों में शक्ति-प्रदर्शन करते हुए अपने-अपने नामांकन दाखिल किए। सोमवार शाम 5 बजे तक कुल 11,474 उम्मीदवारों ने फॉर्म भरे ये नामांकन 2,357 नगरसेवक पदों और 100 नगराध्यक्ष पदों के लिए दाखिल हुए हैं।
नागपुर जिले में सबसे ज्यादा सीटों पर मुकाबला

विदर्भ में सबसे अधिक चुनाव नागपुर जिले में हो रहे हैं। यहां पर 15 नगर परिषदों के 170 प्रभागों में 344 नगरसेवक पद हैं। 12 नगर पंचायतों के 204 प्रभागों में 204 नगरसेवक पद हैं। कुल 27 नगराध्यक्ष पद मिलाकर 575 पदों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। इसके बाद यवतमाल जिला है, जहां 10 नगर परिषदों में 275 पद, 1 नगर पंचायत में 17 पद, कुल 304 पद और 11 नगराध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया चल रही है।
जिलावार नामांकन के आकड़े
जिला नगर परिषद नगर पंचायत कुल पद नगराध्यक्ष दाखिल नामांकन
अकोला 5 1 142 6 938
बुलढाणा 11 0 286 11 1743
वाशिम 4 1 124 5 1146
अमरावती 10 2 278 12 780
भंडारा 4 0 100 4 849
चंद्रपुर 10 1 253 11 568
गड़चिरोली 3 0 68 3 426
गोंदिया 2 2 99 4 788
वर्धा 6 0 166 6 1093
यवतमाल 10 1 293 11 940

नागपुर में सबसे ज्यादा नामांकन

नागपुर की 15 नगर परिषदों के लिए कुल 1177 इच्छुकों के अध्यक्ष व सदस्य पद के लिए पर्चा दाखिल करने की जानकारी मिली थी। वहीं 12 नगर पंचायत के लिए कुल 1012 इच्छुकों ने अध्यक्ष व सदस्य पदों के लिए नामांकन दाखिल किया था। इस तरह कुल 2198 उम्मीदवारों द्वारा पर्चा दाखिल किया गया। कुछ सीटों के आंकड़े प्राप्त नहीं होने के चलते अनुमान लगाया गया कि लगभग 2500 के करीब नामांकन दाखिल होंगे। कुछ जगहों से आंकड़े प्राप्त नहीं हुए थे।
पार्टियों में उम्मीदवारी के लिए मची अफरा-तफरी

सोमवार को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन था और दोपहर तक बीजेपी के अधिकृत उम्मीदवारों को फोन पर सूचना मिलती रही। साथ ही एबी फार्म भी दिये गए। इससे चुनाव लड़ने के इच्छुकों में अफरा-तफरी का माहौल नजर आया। इतना ही नहीं, अनेक इच्छुकों ने तो अपना पर्चा भी दाखिल कर दिया लेकिन उनमें एबी फार्म नहीं मिलने से निराशा के साथ नाराजगी भी देखी गई।

बीजेपी ने इस चुनाव की 6 महीनों से तैयारी शुरू कर दी थी। बगावत होने की आशंका के चलते अंतिम दिन तक सतर्कता बरती गई और अधिकृत उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गये।

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