नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल HDIL के पूर्व प्रमोटर राकेश वधावन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. पीएमसी बैंक घोटाले में जमानत पर जेल से रिहा हुए राकेश वधावन ने अब बंद हो चुकी रियल्टी फर्म की कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था.
HDIL के निलंबित निदेशक ने अपने आवेदन के माध्यम से CIRP में एक रिवाइवल प्लान या दिवालिया प्रक्रिया में एकमुश्त निपटान का प्रस्ताव देने की मांग की है, जिसमें यह भी बताया कि वह रिज़ॉल्यूशन वैल्यू को अधिकतम करने रुचि रखते हैं.
NCLT रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अभय मनुधाने द्वारा कंपनी के कथित कम मूल्यांकन पर दलीलें सुनने के लिए भी तैयार है. वाधवन ने अपनी याचिका के माध्यम से आरोप लगाया है कि HDIL का मूल्यांकन 6,500 करोड़ रुपये से ज्यादा है, लेकिन स्वीकृत समाधान योजना 600 करोड़ रुपये से कम का प्रस्ताव है.
इसके अलावा वधावन ने अपने आवेदन में यह भी दावा किया है कि व्यापार और ज्वाइंट उद्यम पार्टनर्स द्वारा HDIL की संपत्ति की कथित व्यवस्थित लूट लिया है. वधावन ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स और अन्य ऑथराइज्ड प्रतिनिधियों पर साजिश और बेईमानी का आरोप लगाया है.
वधावन को कथित पीएमसी बैंक घोटाले में 2019 में गिरफ्तार किया गया था और अप्रैल 2024 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.