पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम ने अब भाजपा की एक महिला नेता को माल कहा है। इतना ही नहीं फिरहाद हकीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दाढ़ी वाला आदमी भी कहा है। इससे राज्य में सियासी बवाल मच गया है और विवाद उठ खड़ा हुआ है। दरअसल, हकीम ने पिछले लोकसभा चुनाव में बशीरहाट से भाजपा की पराजित उम्मीदवार रेखा पात्रा को ‘हारी हुई माल’ कहा है। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ना सिर्फ इसे अपमानजनक बताया है बल्कि मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
एक कार्यक्रम में बोलेते हुए फिरहाद हकीम ने संदेशखाली मुद्दे का भाजपा पर राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और इसके लिए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया। हकीम ने कहा, “लोकसभा चुनाव से पहले एक दाढ़ी वाला आदमी बंगाल आया था। क्या आपको उसका नाम याद है? उसका नाम नरेंद्र मोदी है। वह बंगाल आया और संदेशखाली की माताओं और बहनों के लिए झूठी चिंता व्यक्त की। भाजपा ने संदेशखाली से एक उम्मीदवार की भी घोषणा की। वो उम्मीदवार (रेखा पात्रा) हार गई… कहां है हेरो माल (हारी हुई माल )? भाजपा चुनाव हारती है। वह केवल मामले दर्ज करना जानती है।”
फिरहाद हकीम की यह टिप्पणी महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने भाजपा से एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना में गईं महिला नेता शाइना एनसी को माल कहा था।
दरअसल, भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार हाजी नुरूल के खिलाफ संदेशखाली मामले में गवाह रही महिला रेखा पात्रा को बशीरहाट संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था लेकिन चुनावों में रेखा पात्रा की हार हो गई थी। वह दूसरे नंबर पर रही थीं। TMC उम्मीदवार को आठ लाख से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि रेखा पात्रा को 4.70 लाख वोट मिले थे।
इधर, फिरहाद हकीम के कमेंट पर रेखा पात्रा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा,”फिरहाद हकीम ने प्रधानमंत्री और मुझ पर हमला किया है। यह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि उन पर किया गया शर्मनाक हमला सिर्फ मुझ पर ही नहीं बल्कि संदेशखाली की उन सभी महिलाओं पर हमला है, जिन्होंने विरोध प्रदर्शन किया था। मैं इसकी निंदा करती हूं।”
बता दें कि इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली ने देश भर का ध्यान तब खींचा था, जब महिलाओं के एक वर्ग ने तृणमूल कांग्रेस से निलंबित नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ जमीन हड़पने और यौन शोषण के आरोप लगाए थे औ उग्र विरोध प्रदर्शन किया था। रेखा पात्रा विरोध प्रदर्शनों में सबसे आगे थीं और यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली पहली महिला थीं। संदेशखाली कांड के जरिए भाजपा ने लोकसभा चुनावों से पहले ममता बनर्जी सरकार को घेरने की कोशिश की थी। इसी रणनीति के तहत भाजपा ने रेखा पात्रा को बशीरहाट से उम्मीदवार बाया था। इसी लोकसभा क्षेत्र के तहत संदेशखाली भी आता है लेकिन भाजपा वहां से चुनाव नहीं जीत सकी।