बच्चों में नशा विरोधी चेतना का निर्माण, प्री-मैट्रिक छात्रावास में हुआ जागरूकता सत्र
एमसीबी/जिले में विगत 18 दिसंबर 2025 को मद्य निषेध दिवस के अवसर पर नशा उन्मूलन को लेकर व्यापक और प्रभावी जन जागरूकता अभियान चलाया गया। यह अभियान जिला कलेक्टर डी. राहुल वेंकट के मार्गदर्शन में तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी आदित्य शर्मा एवं महिला एवं बाल विकास अधिकारी आर.के. खाती के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा सफलतापूर्वक संचालित किया गया। अभियान के अंतर्गत प्री- मैट्रिक छात्रावास, लालपुर (मनेंद्रगढ़) में अध्ययनरत बच्चों के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मद्य निषेध दिवस के महत्व, उद्देश्य तथा नशे से होने वाले गंभीर सामाजिक, मानसिक और शारीरिक दुष्परिणामों की विस्तार से जानकारी दी गई। वक्ताओं ने बच्चों को बताया कि नशा न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि शिक्षा, भविष्य और पारिवारिक जीवन को भी अंधकार की ओर ले जाता है। साथ ही नशे से संबंधित कानूनों, दंडात्मक प्रावधानों और बच्चों के अधिकारों की जानकारी देकर उन्हें स्वयं जागरूक रहने और समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने के लिए प्रेरित किया गया।
ग्रामीणों को बताया नशे का सामाजिक और आर्थिक नुकसान
इसी क्रम में ग्राम पंचायत पिपरिया में मद्य निषेध दिवस के अवसर पर ग्रामीणों के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को शराब और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि नशा पारिवारिक विघटन, आर्थिक संकट, आपसी विवाद और अपराधों को बढ़ावा देता है, जिससे समाज की जड़ें कमजोर होती हैं। नशा नियंत्रण से जुड़े कानूनों की जानकारी देते हुए यह स्पष्ट किया गया कि नशा मुक्त समाज का निर्माण केवल प्रशासन से नहीं, बल्कि समुदाय की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है। ग्रामीणों को प्रेरित किया गया कि वे स्वयं नशे से दूर रहें और अपने परिवार, पड़ोस तथा गांव में नशा विरोधी वातावरण तैयार करें।
नशा मुक्त समाज की शपथ, स्वस्थ और सशक्त भविष्य का संकल्प
कार्यक्रम के समापन पर प्री- मैट्रिक छात्रावास के बच्चों और ग्राम पंचायत पिपरिया के ग्रामीणों को नशा न करने, दूसरों को नशे से दूर रखने और समाज को नशा मुक्त बनाने की सामूहिक शपथ दिलाई गई। उपस्थित जनसमूह ने यह संकल्प लिया कि वे मद्य निषेध और नशा मुक्ति के संदेश को अपने परिवार और समाज तक पहुंचाएंगे। मद्य निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित इन जागरूकता कार्यक्रमों का मूल उद्देश्य बच्चों, युवाओं और ग्रामीण समुदाय में नशा विरोधी चेतना को मजबूत करना तथा एक स्वस्थ, सुरक्षित और सशक्त समाज के निर्माण की दिशा में ठोस और प्रभावी पहल करना रहा।