पुत‍िन और क‍िम जोंग ने म‍िलकर बनाया यूक्रेन को खत्‍म करने का प्‍लान!

यूक्रेन जंग में रूस का पलड़ा भारी है. यूक्रेन जंग में अमेरिका समेत नाटो देश रूस को तोड़ने की कोशिश में लगे हैं. उसे अलग-थलग करने की कोशिशें जारी हैं. मगर पुतिन भी कम जिद्दी नहीं हैं. उन्हें पता है कि जंग में ईंधन-पानी का कहां से और कैसे जुगाड़ होगा. यही वजह है कि अमेरिका के दुश्मनों से उन्होंने अपनी यारी पक्की कर ली है. अमेरिका का वही दुश्मन अब रूस का सबसे बड़ा संकटमोचक बना हुआ है. जी हां, हम बात कर रहे हैं नॉर्थ कोरिया की. नॉर्थ कोरिया लगातार हथियार-मिसाइलें देकर रूस को जंग में आगे रखे हुए है. अब नॉर्थ कोरिया ने वह काम किया है, जिसकी भनक लगते ही अमेरिका टेंशन में आ जाएगा.

दरअसल, उत्तर कोरिया ने नई तकनीक से लैस मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर का टेस्ट किया है. खुद तानाशाह किम जोंग-उन ने नई तकनीक से लैस 240 मिमी मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर के परीक्षण में हिस्सा लिया. अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह नया आर्टिलरी सिस्टम रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में इस्तेमाल करने के लिए दिया जा सकता है. नॉर्थ कोरिया का यह नया हथियार काफी घातक है. नॉर्थ कोरिया के इस कदम से साउथ कोरिया भी दहशत में है. इसकी वजह है कि यह हथियार सियोल और उसके आस-पास के इलाकों में टारगेट रेंज में रख सकता है.


इसी साल फरवरी में किम जोंग उन ने कहा था कि उत्तर कोरिया ने एक नया रॉकेट लॉन्चर डेवलप किया है, जो सटीकता और रेंज के मामले में उसकी हथियार क्षमताओं को बढ़ा सकता है. वहीं, मई में उत्तर कोरिया ने कहा कि वह 2024 और 2026 के बीच कोरियन पीपुल्स आर्मी यूनिट में हथियार प्रणाली तैनात करेगा. उत्तर कोरिया पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन जंग में इस्तेमाल के लिए रूस को रॉकेट लांचर की सप्लाई करने के प्रयास में रॉकेट लॉन्चर का टेस्ट किया है.


कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन के सीनियर रिसर्चर साथी हांग मिन की मानें तो उत्तर कोरिया के इस टेस्ट का मकसद 1980 के दशक में निर्मित उत्तर कोरिया के पुराने 240 मिमी एमआरएलएस में सुधार करना है. उन्होंने यह भी संभावना जताई कि यह टेस्ट दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास का एक जवाब भी है. उत्तर कोरिया की ओर से यह रॉकेट टेस्ट तब हुआ, जब साउथ कोरिया और अमेरिका अपना एनुअल ग्रीष्मकालीन उलची फ्रीडम शील्ड अभ्यास आयोजित कर रहे हैं. यह युद्धाभ्यास गुरुवार को समाप्त हो जाएगा. उत्तर कोरिया लंबे समय से मित्र राष्ट्रों के संयुक्त अभ्यासों की उसके खिलाफ आक्रमण की तैयारी के रूप में निंदा करता रहा है. तानाशाह के इस कदम से अमेरिका-जेलेंस्की की टेंशन बढ़ जाएगी.


अब सवाल है कि क्या उत्तर कोरिया सच में रूस को यह नया रॉकेट लॉन्चर देगा? तो इसका जवाब हां ही दिखता है. उत्तर कोरिया बीते कुछ समय से लगातार रूस को नए-नए हथियार और मिसाइल की आपूर्ति कर रहा है. रूस को उत्तर कोरिया का यह नयॉ रॉकेट लॉन्चर मिलने से उसकी ताकत में और इजाफा होगा और यूक्रेन की शामत आ जाएगी. किम जोंग उन ने पुतिन को हर संभव मदद का भरोसा जताया है. ये दोनों देश अमेरिका के कट्टर दुश्मन हैं. क्योंकि यूक्रेन जंग में अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश कीव की हर तरह से मदद कर रहे हैं. यही वजह है कि नॉर्थ कोरिया भी रूस की हर तरह से मदद कर रहा है. केवल उत्तर कोरिया ही नहीं, चीन भी रूस की भरपूर मदद कर रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *