स्वास्थ्य विभाग की टीम की कार्रवाई पर सवाल: अवैध क्लीनिक संचालकों को सिर्फ नोटिस देकर लौटी टीम

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से खबर आ रही है। जहां झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई। दरअसल, गरियाबंद के अमलीपदर तहसील क्षेत्र में संचालित अवैध क्लिनिकों पर दबिश देने जिला से टिम आई थी। जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दिन में 3 क्लिनिकों पर दबिश दी। जहां होम्योपैथी डिग्री धारी शख्स द्वारा सुपर स्पेशलिटी क्लिनिक खोला गया था।

बताया गया कि, इस इलाके में 30 से ज्यादा झोला छाप सक्रिय हैं जिन्हें टीम की भनक लगते ही ताला लटका कर भाग गए थे। एक ने अपने मेडिकल को चलाने मरीजों का उपचार करने की दुकान भी खोल लिया था, हैरानी तो तब हुई जब सरना बहाल में एक शिक्षक इलाज करने का सारा सामान अपने घर में रखा हुआ था। यहां बगैर वैधानिक पंजीयन के उपचार करने और दवा देने के कई प्रमाण मिले। लेकिन टीम ने ठोस कार्रवाई के बजाय संचालकों को सिर्फ नोटिस थमाकर टीम लौट गई।

बता दें कि, अमलीपदर इलाके में सक्रिय संजू मंडल नाम के शख्स के इलाज से पेंड्रा के आदिवासी युवक पुरुषोत्तम ध्रुव की मौत हो गई थी। जिन्हें 26 अगस्त को कोतवाली पुलिस ने संजू और उसके साथी बंटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर किया था। इस घटना के बाद ही टीम को छापा मार कार्रवाई करने भेजा गया था, लेकिन टीम ने कई प्रमाणों के बावजूद अवैध क्लिनिकों को सिल लगाने के बजाए नोटिस थमा कर लौटी है जिससे की उनकी कार्रवाई पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

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