सचिन तेंदुलकर 52 वर्ष के हो गए हैं। आज ही के दिन 24 अप्रैल 1973 को उनका जन्म हुआ था। सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में शुमार, सबसे ज्यादा रन बनाने वाले क्रिकेटर का गेंदबाजों पर खौफ का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि एक बार महान स्पिनर शेन वॉर्न ने उनके बारे में कहा था कि वह उनके सपनों में भी आते हैं और छक्के जड़ते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सचिन तेंदुलकर को आखिर किस इकलौते गेंदबाज के खिलाफ अपना ट्रेड मार्क शॉट खेलना सबसे ज्यादा जोखिम वाला लगता था? नाम बहुत ही चौंकाने वाला है।
इस सवाल का जवाब है- शेन वॉर्न। चौंकना लाजिमी है कि जो गेंदबाज अपने सपनों में भी उन्हें अपनी गेंदों पर छक्के जड़ता देखता था, उसी की गेंद पर सचिन को अपना पसंदीदा शॉट खेलना सबसे ज्यादा रिस्की लगता था। लेकिन यह सच है और इसका खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि खुद सचिन तेंदुलकर ने किया है। उन्होंने ब्रिटिश न्यूज वेबसाइट ‘द टेलिग्राफ’ को दिए एक हालिया इंटरव्यू में यह बात कही थी।
सचिन तेंदुलकर अक्सर ऐसे शॉट मारते थे जो बिल्कुल जमीन से चिपककर निकलती थी। गेंद को हवा में कम ही उछालते थे। इसकी वजह थी किशोरावस्था में गुरु रमाकांत आचरेकर से मिली कड़ी ट्रेनिंग। वह उन्हें 15 मिनट के फाइनल सेशन में एक चैलेंज दिया करते थे। मिडल स्टंप पर सिक्का रखते थे और उस दौरान मैदान में 11 नहीं बल्कि 50 से 70 फील्डर मौजूद होते थे। सचिन अगर बिना आउट हुए सेशन निकाल लिए तो सिक्का उनका। इस ट्रेनिंग की वजह से ही सचिन जब शॉट मारते थे तो गेंद जमीन को जैसे चूमती हुई निकलती थी।
सचिन तेंदुलकर गेंद को हवा में उछालकर मारते ही नहीं थे, ऐसा भी नहीं था। जब भी कभी हालात की मांग होती थी तो वह गेंद के नीचे आने और उसे स्लिप के ऊपर से मारने में नहीं हिचकते थे। अपरकट उनका ट्रेडमार्क बन चुका था। लेकिन एक गेंदबाज ऐसा था जिसके खिलाफ सचिन अपना ये ट्रेडमार्क शॉट खेलने से डरते थे।
उन्होंने कहा, ‘वर्ल्ड क्रिकेट में बहुत ही कम स्पिनर ऐसे थे जिनकी गेंद के टप्पा खाने के बाद उसके नीचे जाकर बार-बार खेलना समझदारी नहीं थी। वॉर्न उनमें से एक थे। इसलिए उनके खिलाफ मेरा अप्रोच ये होता था कि गेंद के स्पिन होने का इंतजार करता था और जितना लेट हो सके, उतना लेट खेलता था। मैं स्पिन पर ज्यादातर इनसाइड-आउट खेलता था।’
दिवंगत शेन वॉर्न फिरकी के जादूगर थे। उनकी गिनती सर्वकालिक महान गेंदबाजों में हुई थी। उन्होंने 1998 के भारत दौरे पर बेशक कहा था कि सचिन तेंदुलकर उनके सपने में भी छक्के उड़ाते दिखते हैं। लेकिन बहुत बाद में उन्होंने साफ किया कि उनका यह बयान अलंकारिक था। फीगर ऑफ स्पीच था लेकिन लोगों ने उसका अर्थ शब्दशः लिया।