श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व इस वर्ष 26 अगस्त को मनाई जाएगी। इसके लिए कान्हा के मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है। श्रीकृष्ण की स्थली ब्रज में भी जन्माष्टमी पर खासा उल्लास देखने को मिलेगा। इस बार प्राचीन केशवदेव मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर एक ही दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। यह 10 साल में पहली बार होगा जब दोनों स्थानों पर एक साथ यह पर्व मनेगा।
केशवदेव मंदिर (Keshav Dev Mandir) में अजन्मे के जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है। यानी यहां जन्माष्टमी के एक दिन पूर्व ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मना लिया जाता है। यह उत्सव भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। जबकि इसके अगले दिन जन्मस्थान पर जन्माष्टमी मनाई जाती है।
जिस दिन अष्टमी तिथि की शुरुआत होती है, उसी दिन प्राचीन केशवदेव मंदिर में जन्मोत्सव मना लिया जाता है। जबकि, जन्मस्थान पर उदया तिथि को महत्व दिया जाता है। ऐसे में यहां अगले दिन जन्माष्टमी मनती है।
इस वर्ष अष्टमी तिथि का आरंभ और समापन एक ही दिन है। 26 अगस्त को सुबह 3.39 बजे अष्टमी शुरू होगी और रात 2.19 बजे तक रहेगी। ऐसे में केशवदेव मंदिर और जन्मस्थान पर एक ही दिन जन्मोत्सव मनेगा।