बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर और ढाका से भागकर दिल्ली पहुंचीं शेख हसीना

बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर और ढाका से भागकर दिल्ली पहुंचीं शेख हसीना की टीम के सदस्यों ने अब भारत छोड़ने का फैसला किया है। सरकार के शीर्ष पदस्थ सूत्रों के हवाले से इंडिया टुडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि अवामी लीग सरकार के खिलाफ हिंसक विद्रोह से भागकर सोमवार को भारत पहुंचे बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना की टीम के सदस्यों ने नए गंतव्यों के लिए रवाना होने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शेख हसीना के साथ उनकी छोटी बहन शेख रेहाना और कुछ करीबी सहयोगी हैं, जो सोमवार को सेना के हेलिकॉप्टर से भागकर दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर उतरे थे और तब से सभी गोपनीय जगह पर शरण लिए हुए थे।

सूत्रों ने बताया कि हसीना किसी नए ठिकाने की और चल पड़ी हैं लेकिन उनका अगला ठिकाना कहां होगा, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। शेख हसीना संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब या कतर को अपने अगले ठिकाने के रूप में देख रही हैं और वहां उनके शरण लेने की चर्चा चल रही है लेकिन अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह इनमें से किस मुस्लिम देश में शरण लेने जा रही हैं। अमेरिका और ब्रिटेन पहले ही हसीना को शरण देने से तकनीकी तौर पर इनकार कर चुका है।

इस बीच, शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने बृहस्पतिवार को कहा कि बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल होते ही उनकी मां अपने देश लौट जाएंगी। उन्होंने कहा कि उनके देश में अशांति फैलाने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। पीटीआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में जॉय ने कहा कि हालांकि 76 वर्षीय हसीना निश्चित रूप से बांग्लादेश लौटेंगी, लेकिन अभी यह तय नहीं है कि वह सेवानिवृत्त नेता के रूप में लौटेंगी या सक्रिय नेता के रूप में।

उन्होंने यह भी कहा कि शेख मुजीब (शेख मुजीबुर रहमान) परिवार के सदस्य न तो अपने लोगों को छोड़ेंगे और न ही संकटग्रस्त अवामी लीग को बेसहारा छोड़ेंगे। जॉय ने अपनी मां की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया तथा भारत से अंतरराष्ट्रीय राय बनाने में मदद करने और बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली के लिए दबाव बनाने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘हां, यह सच है कि मैंने कहा था कि वह बांग्लादेश नहीं लौटेंगी। लेकिन देश भर में हमारे नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर लगातार हमलों के बाद पिछले दो दिन में बहुत कुछ बदल गया है। अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए अब हमें जो भी करना होगा वह करने जा रहे हैं। हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे।’’ जॉय ने फोन पर कहा, ‘‘बांग्लादेश में अवामी लीग सबसे बड़ी और सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है, इसलिए हम अपने लोगों से दूर नहीं जा सकते। लोकतंत्र बहाल होने के बाद वह (हसीना) निश्चित तौर पर बांग्लादेश लौटेंगी।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)

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