21 साल पुराने बजाज चेतक स्कूटर में अपनी माताजी यचूड़ा रत्नमम्मा को लेकर कन्याकुमारी से कश्मीर तक देश के चारोधाम तीर्थ स्थलों में भ्रमण करने निकले कृष्ण कुमार शुक्रवार को बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर पहुंचे, जहाँ विभिन्न सामाजिक संगठनों में कलयुग के श्रवण के नाम से प्रसिद्ध कृष्ण कुमार और उनकी माता का स्वागत किया।सिरहासार चौक के पास स्थित जगन्नाथ मंदिर में कृष्ण कुमार ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया।
कर्नाटक के मैसूर में रहने वाले कृष्ण कुमार ने अपनी मां यचूड़ा रत्नमम्मा को चारोधाम तीर्थ स्थलों के दर्शन कराने के लिए अपना सारा काम छोड़ दिया। 47 साल के कृष्ण कुमार अपनी 75 साल की माताजी को लेकर स्कूटर से 3 साल में 56,522 किमी से ज्यादा सफर तय कर चुके हैं. इस दौरान वह मां के साथ तीर्थ स्थलों के दर्शन करते रहे।
कृष्ण कुमार ने बताया कि यह स्कूटर उनके पिता दक्षिणा मूर्ति की है.,साल 2001 में ये स्कूटर उन्होंने कृष्ण कुमार को गिफ्ट कर दिया था,साल 2015 में उनके पिताजी दक्षिणा मूर्ति का निधन हो गया, जिसके बाद कृष्ण कुमार ने निर्णय लिया कि इसी स्कूटर पर अपनी मां यचूड़ा रत्नमम्मा को तीर्थ पर लेकर जायेंगे। जिससे उन्हे अपने पिताजी के होने का अहसास होता रहेगा, इसके बाद कृष्ण कुमार उनकी माताजी और स्वर्गीय पिता कि आत्मा स्कूटर के रूप में इस यात्रा को पूरा किया। आपको बता दें कि कृष्ण कुमार बेंगलुरु के एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे. अपने मांताजी को तीर्थ करवाने के लिए उन्होंने जॉब छोड़ दी है।
बाइटकृष्ण कुमार, अपनी माताजी को चारों धाम यात्रा कराने निकले कलयुगी श्रवण कुमार। बाइटयचूड़ा रत्नमम्मा, कृष्ण कुमार की माताजी।