डिंडौरी में पुलिस अभिरक्षा में मौत मामले में एसआई और प्रधान आरक्षक को 10-10 वर्ष की सजा

डिंडौरी के सिधौली में चर्चित अंधे हत्याकांड की सुनवाई पूरी हो गई। जिला न्यायालय ने एसआई छोटे लाल बरकड़े और प्रधान आरक्षक घनश्याम द्विवेदी को कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने इस मामले में तत्कालीन कोतवाली प्रभारी गिरवर सिंह उइके को दोष मुक्त कर दिया है। घटना के समय वे कोतवाली में मौजूद नहीं थे। पर्याप्त साक्ष न मिलने के चलते उन्हें राहत मिली है।

लोक अभियोजन अधिकारी मनोज वर्मा ने बताया कि प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार दांगी की अदालत ने इस मामले में सजा सुनाते हुए दोनों आरोपितों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। गौरतलब है कि यह मामला जिला न्यायालय में विगत 8 वर्ष से विचाराधीन था।

पुलिस सिधौली हत्याकांड का अब तक भी खुलासा नहीं कर पाई है। सिधौली में एक सिर कटा हुआ मिला था। इसकी जांच के दौरान ही गांव के कई लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस अभिरक्षा में ही वर्ष 2016 में एक युवक देव लाल की मौत हुई थी।उसके बाद काफी विरोध प्रदर्शन होने के चलते तत्कालीन पूछताछ में शामिल पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में सजा सुनाई गई है।

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