इजरायल और लेबनान में जबरदस्त तनाव देखने को मिल रहा है. दोनों ओर से एक दूसरे पर लगातार हमले हो रहे हैं. इसी बीच इजरायल के होम फ्रंट कमांड (नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बल) ने राजधानी तेल अवीव और विशेष रूप से उत्तर क्षेत्र की ओर रहने वाले नागरिकों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं.
होम फ्रंट कमांड ने नए प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए कहा कि स्कूल और ऑफिस केवल तभी खुले रह सकते हैं जब उनके पास आस-पास आश्रय स्थल हों जहां किसी भी हमले की स्थिति में जल्द से जल्द पहुंचा जा सके. लोगों के इकट्ठा रहने पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. निर्देशों के अनुसार, किसी इमारत के अंदर 300 लोगों से ज्यादा रहने पर रोक लगाई गई है जबकि बाहर 30 लोगों से ज्यादा एक साथ रहने पर रोक लगाई गई है. वहीं, लेबनानी सीमा के पास के समुद्र तट लोगों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं.
मौजूदा हालात को देखते हुए इजरायली के प्रधानमंत्री ने एक आपात बैठक बुलाई. इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने अगले 48 घंटों के लिए इमरजेंसी का ऐलान किया, जबकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उत्तर में बढ़ती स्थिति को संबोधित करने के लिए एक हाई लेवल मीटिंग की अध्यक्षता की. Times of Israel की रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने मीटिंग के दौरान कहा, “हम अपने देश की रक्षा करने, उत्तर के निवासियों को सुरक्षित उनके घरों में वापस लाने के लिए हर कोशिश करेंगे. जो कोई भी हमें नुकसान पहुंचाता है, हम उसे नुकसान पहुंचाएंगे.”
बता दें कि इजरायल की सेना ने ईरान समर्थित संगठन हिजबुल्लाह के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए थे. इसके जवाब में हिजबुल्लाह ने लेबनान से इजरायली क्षेत्र की ओर 320 से अधिक कत्युशा रॉकेट दागे. मिसाइलों और विस्फोटकों से लदे ड्रोनों की बौछार की जिम्मेदारी लेते हुए, हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने अपने सैन्य कमांडर फुआद शुक्र की हत्या के जवाब में हमला शुरू किया है.
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता सीन सैवेट ने कहा कि जैसे-जैसे इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन “इजरायल और लेबनान में होने वाली घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.” सैवेट ने कहा कि वे पूरी शाम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ जुड़े रहे. उनके निर्देश पर, सीनियर अमेरिकी अधिकारी अपने इजरायली समकक्षों के साथ लगातार संवाद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हम इजरायल के खुद की रक्षा करने के अधिकार का समर्थन करते रहेंगे और हम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए काम करते रहेंगे. आईडीएफ द्वारा हमले शुरू करने के बाद, रक्षा मंत्री गैलेंट ने अपने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन से बात की.