उत्तर बस्तर कांकेर, 14 मई 2025/ प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित सुशासन तिहार के तीसरे चरण में समाधान शिविरों का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है जहां लोग अपने आवेदनों के निराकरण की जानकारी लेने आ रहे हैं। दुर्गूकोंदल ब्लॉक के ग्राम कोड़ेकुर्से में आयोजित समाधान शिविर में ऐसा एक वाकया सामने आया जहां एक ग्रामीण किसी आवेदन का समाधान जानने नहीं, बल्कि साय सरकार का साधुवाद करने आए थे। ग्राम नेलचांग से पहुंचे किसान श्री नारद राम ने मंच के समीप आकर जानकारी देते हुए बताया कि नेलचांग जलाशय में 1980 के दशक में लघु सिंचाई परियोजना के तहत मिनी जलाशय बनाया गया था, जो कालांतर में टूट फूटकर जीर्ण शीर्ण हो चुका था, जिसके चलते पिछले 5 साल से सिंचाई के लिए खेतों को बिल्कुल भी पानी नहीं मिल रहा था। उन्होंने बताया कि सुशासन तिहार के तहत इसके लिए किसी ने अर्जी लगाई थी, जिस पर जल संसाधन विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया गया। किसान श्री नारद राम ने यह भी बताया कि उक्त सिंचाई परियोजना में विगत 5 वर्षों में थोड़ा भी जल स्तर का ठहराव नहीं होता था, वहीं इसकी मरम्मत से अभी 5 फीट तक जल स्तर में वृद्धि हुई है, जो क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी राहत वाली बात है। उन्होंने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि एक आवेदन से वर्षों पुरानी समस्या का समाधान हो गया। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री धर्मेन्द्र कुमार मेश्राम ने बताया कि माओवाद प्रभावित क्षेत्र के ग्राम नेलचांग में लघु सिंचाई परियोजनांतर्गत मिनी डैम 80 के दशक में बनाया गया था, जो पुराना हो जाने के कारण जीर्ण शीर्ण स्थिति में हो गया था। उन्होंने बताया कि इससे आसपास के 45 हेक्टेयर रकबे को सिंचाई की सुविधा मिलती थी। सुशासन तिहार के दौरान इसके पुनरुद्धार के लिए ग्रामीणों से आवेदन प्राप्त हुआ, जिस पर कार्रवाई करते हुए जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसकी पूर्णता के बाद ग्रामीणों को फिर से सिंचाई की सुविधा मुहैया हो सकेगी, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।