नयी दिल्ली: सात अगस्त (ए)। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इस सवाल पर सुनवाई 28 अगस्त तक टाल दी कि क्या धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्क करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शक्तियों को बरकरार रखने वाले उसके 2022 के फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।
सुनवाई शुरू होते ही ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ से कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं अचानक सूचीबद्ध की गई हैं और उन्हें कुछ समय चाहिए।