‘दागी अफसर चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हो सकते’, EC के निर्देश पर हटाए गए झारखंड के कार्यकारी DGP

झारखंड सरकार ने एक्टिंग डीजीपी अनुराग गुप्ता को हटा दिया है. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) ने झारखंड सरकार को अनुराग गुप्ता को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद से तत्काल प्रभाव से हटाने और कैडर में उपलब्ध सबसे वरिष्ठ डीजीपी स्तर के अधिकारी को प्रभार सौंपने का निर्देश दिया था. यह निर्णय पिछले चुनावों के दौरान अनुराग गुप्ता के खिलाफ आयोग द्वारा की गई शिकायतों और कार्रवाई के इतिहास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अनुराग गुप्ता पर पक्षपातपूर्ण आचरण का आरोप लगाया था और ईसीआई से उनकी शिकायत की थी. वह तब झारखंड के एडीजी (स्पेशल ब्रांच) के पद पर तैनात थे. निर्वाचन आयोग ने जेएमएम की शिकायत का संज्ञान लेते हुए गुप्ता को उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया था. उस समय, उन्हें दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालय में नियुक्त किया गया था और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक झारखंड लौटने पर रोक लगा दी गई थी. 

  अनुराग गुप्ता पर कई बार पक्षपातपूर्ण आचरण के आरोप लगे हैं. 2016 में झारखंड से राज्य सभा के द्विवार्षिक चुनावों के दौरान, अनुराग गुप्ता पर अधिकार के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे. वह उस समय एडिशनल डीजीपी के पद पर तैनात थे. निर्वाचन आयोग ने गुप्ता पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था, जिसके निष्कर्षों के आधार पर उनके खिलाफ विभागीय जांच के लिए आरोप पत्र जारी किया गया था. 

जगन्नाथपुर थाना में 29 मार्च, 2018 को उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 171(बी)(ई)/ 171(सी)(एफ) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. झारखंड सरकार ने 2021 में, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17 (ए) के तहत अनुराग गुप्ता के खिलाफ जांच की अनुमति दी. निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने आजतक को बताया कि जिन अधिकारियों पर अतीत में आरोप लगते रहे हैं, वे किसी भी तरह से चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे. ईसीआई ने झारखंड सरकार को बिना किसी देरी के अनुराग गुप्ता को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद से हटाकर कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है.
 

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