पाकिस्तान में तालिबानियों के बढ़ते उत्पात के बीच एक बार फिर आतंकियों ने पुलिस वालों को निशाना बनाया है। शुक्रवार को अफ़गान सीमा के पास दस पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वहीं 7 अन्य जवान घायल हो गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक हमला एक चेक पोस्ट पर हुआ। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के तालिबान ने ली है। एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “लगभग एक घंटे तक भीषण गोलीबारी हुई। हमले के दौरान फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के दस जवान शहीद हो गए और सात घायल हो गए।”
लगभग 20 से 25 आतंकवादियों ने दक्षिण-पश्चिमी ख़ैबर पख़्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में फ्रंटियर कांस्टेबुलरी की एक चौकी पर गोलीबारी शुरू कर दी। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) समूह ने जिम्मेदारी लेते हुए अपने बयान में कहा कि यह हमला वरिष्ठ नेता उस्ताद कुरैशी की हत्या का बदला था। पाकिस्तान की सेना ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान की सीमा से लगे बाजौर में खुफिया जानकारी के आधार पर चलाए गए एक अभियान में नौ लोगों में कुरैशी भी शामिल था। पाकिस्तान का कहना है कि टीटीपी अफगानिस्तान को बेस के रूप में इस्तेमाल करता है और सत्तारूढ़ तालिबान सीमा के पास आतंकियों को पनाह देता है। हालांकि तालिबान इससे इनकार करता है।
अफगानिस्तान में तालिबान के 2021 में सत्ता में लौटने के बाद से पाकिस्तान में ऐसे हमलों की तादाद बढ़ती जा रही है। तालिबान के पाकिस्तानी आतंकियों ने ज़्यादातर सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर हमले किए हैं। इससे पहले भी इस इलाके में आतंकवादियों ने पुलिस को नियमित रूप से निशाना बनाया है। इससे पहले अगस्त में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकवादियों ने पुलिस टीम पर रॉकेट से हमला कर दिया था। इस हमले में कम से कम 11 पुलिसकर्मी मारे गए थे। आतंकियों ने कई पुलिसकर्मियों को बंधक भी बना लिया था। खबरों के मुताबिक पुलिसवालों की गाड़ी पर हमला तब हुआ जब पुलिस वैन कीचड़ भरी सड़क में फंस गई थी।