दिल्ली के सराय काले खां में एक युवती के साथ गैंगरेप करने वाले जिन तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान कबाड़ी वाले, भीख मांगने और ऑटो वाले के रूप में हुई है. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने शराब के नशे में वारदात को अंजाम दिया है. इनमें से भीख मांगने वाले शमशुल के पैर खराब हैं.
पुलिस पूछताछ में आरोपी कबाड़ी वाले प्रमोद ने बताया है कि सबसे पहले उसने ही शराब के नशे में पीड़िता के साथ रेप किया था. उसके बाद भिखारी शमशुल ने भी उसके साथ रेप किया. इतना ही नहीं थोड़ी देर में शराब के नशे में ऑटो ड्राइवर प्रभु महतो भी वहां पहुंचा और युवती को ऑटो में बैठाकर उसके साथ रेप किया. उसके बाद उसे बैठाकर दूसरी जगह ले गया और वहां भी रेप किया. बाद में उसे रास्ते में फेंककर फरार हो गया.
पीड़िता के साथ सबसे पहले रेप करने वाला आरोपी प्रमोद कबाड़ी वाला है. इसकी सेंट्रल दिल्ली में छोटी सी दुकान है. इसने सबसे पहले पीड़िता को अकेले सड़क पर घूमते हुए देखा था. शमशुल भीख मांगता है. ये दिव्यांग है, इसके पैरों में दिक्कत है. प्रमोद के साथ मिलकर इसने रेप किया था. ये दोनों ही शराबी हैं. प्रभु महतो दिल्ली में ऑटो चलाता है. ये भी शराब के नशे में था. इसने प्रमोद और शमशुल को पीड़िता के साथ रेप करते देखा था. फिर ये भी शामिल हो गया था. रेप के बाद ये ऑटो में पीड़िता को ले गया और आगे फेंककर फरार हो गया.
दिल्ली पुलिस ने तीन दिन पहले ही तीनों आरोपियों को पकड़ लिया था. आरोपियों की पहचान के लिए पुलिस ने रिंग रोड के करीब 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की थी और साथ ही साथ ऑटो की पहचान के लिए सीसीटीवी में नजर आए 150 ऑटो की मैनुअल जांच की गई थी. इसके बाद जाकर आरोपियों की पहचान हुई और पुलिस ने तीन आरोपियों प्रभु महतो, प्रमोद और मोहम्मद शमशुल को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस लाइन के पास से उस ऑटो को भी बरामद कर लिया है, जिसमें आरोपियों ने पीड़िता के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था.
यह घटना बीते 10-11 अक्टूबर की रात की है, जब दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम को तड़के 3.15 बजे के आसपास एक आर्मी ऑफिसर ने कॉल कर पीड़िता के बारे में जानकारी दी थी. कॉलर ने पुलिस को बताया था कि महिला ने लाल रंग का कुर्ता पहना है. वह सराय काले खां एरिया में सड़क के किनारे मौजूद है और उसे अत्यधिक ब्लीडिंग हो रही है. महिला की हालत देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि महिला के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया है. इसके बाद पुलिस ने सनलाइट कॉलोनी थाने में गैंगरेप की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली थी और जांच शुरू कर दी थी.
34 साल की पीड़ित महिला ओडिशा के पुरी की रहने वाली है. पुलिस के मुताबिक, पीड़िता सामाजिक क्षेत्र में आठ वर्षों से अधिक से जुड़ी हुई है. पीड़िता शोधकर्ता है. भुवनेश्वर के उत्कल संस्कृति विश्वविद्यालय से सामाजिक कार्य में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद उसने कई संगठनों में सक्रिय रूप से योगदान दिया है. पीड़िता ने एचआईवी/एड्स के साथ रहने के लिए कलिंगा नेटवर्क में रिसर्च फेलो के रूप में भी काम किया है. वो घर से बिना बताए 9 मई, 2024 को दिल्ली चली आई थी.