अमेरिकी VISA और ऐशो-आराम की जिंदगी… इस लेडी डॉन से गैंगस्टर ने किया था वादा, फिर कराया बर्गर किंग कांड

दिल्ली के बर्गर किंग मर्डर केस की आरोपी ‘लेडी डॉन’ अनु धनखड़ (Lady don Anu Dhankhad) कई महीने से फरार थी, उसे आखिरकार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भारत-नेपाल बॉर्डर के पास अरेस्ट कर लिया गया. पुलिस ने शुक्रवार को इस गिरफ्तारी की पुष्टि की और कहा कि अनु धनखड़ पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में 18 जून को हुए हाई-प्रोफाइल हत्याकांड में मुख्य आरोपी है. अनु पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया के जरिए युवक को बुलाकर उसकी हत्या करवा दी.

दरअसल, 18 जून की रात लगभग 9:30 बजे दिल्ली के राजौरी गार्डन में स्थित बर्गर किंग के बाहर तीन लोग बाइक पर पहुंचे. उनमें से एक बाहर खड़ा रहा, जबकि दो लोग अंदर गए और वहां मौजूद अमन जून नाम के युवक पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं. उस समय अमन वहां अनु धनखड़ के साथ बैठा था. अमन की मौके पर ही मौत हो गई थी. जब इसकी जांच की गई तो खुलासा हुआ कि अनु ने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अमन से दोस्ती कर उसे मिलने बुलाया था. जब वह आया तो बर्गर किंग में उसकी हत्या कर दी गई.

दरअसल, अनु धनखड़ हरियाणा के रोहतक की रहने वाली है. वह आपराधिक मामलों में शामिल रही है. बर्गर किंग की घटना के बाद एक अधिकारी ने बताया था कि क्राइम ब्रांच की टीम रोहतक में अनु के घर और दिल्ली के मुखर्जी नगर में स्थित पीजी में गई थी, जहां वह रह रही थी. अनु धनखड़ में मुखर्जी नगर में आवास पाने के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने कहा था कि वह साइकोलॉजी में ग्रेजुएट है और स्कूल में उसके अच्छे ग्रेड थे.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सूचना के आधार पर 24 अक्टूबर को अनु धनखड़ को भारत-नेपाल सीमा पर लखीमपुर खीरी में गिरफ्तार किया. पुलिस उपायुक्त (स्पेशल सेल) अमित कौशिक ने कहा कि अनु हरियाणा के रोहतक की रहने वाली है.उसे इस हत्याकांड के बाद से फरार घोषित कर दिया गया था. गिरफ्तारी के दौरान पूछताछ में अनु ने बताया कि वह कुख्यात गैंगस्टर हिमांशु भाऊ और साहिल रिटोलिया की करीबी थी.

पूछताछ में अनु ने बताया कि भाऊ और रिटोलिया ने उसे बेहतर जिंदगी का सपना दिखाया था. उन्होंने वीजा दिलाकर अमेरिका जाने का इंतजाम करने का वादा किया था. इसके एवज में उसे अमन के करीब जाने और उसे राजौरी गार्डन में बुलाने का काम सौंपा गया था.

हत्या के बाद अनु धनखड़ दिल्ली के मुखर्जी नगर में अपने पीजी लौटी थी और सामान लेकर ISBT कश्मीरी गेट से चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गई थी. वहां से वह अमृतसर होते हुए कटरा पहुंची, जहां उसने एक गेस्ट हाउस में कुछ समय बिताया. बाद में हिमांशु भाऊ के निर्देश पर उसने उस गेस्ट हाउस को छोड़ दिया और जालंधर से हरिद्वार गई, जहां कुछ दिन ठहरने के बाद वह कोटा चली गई.

फरारी के दौरान हिमांशु भाऊ ने उसे विभिन्न जगहों पर ठहरने के लिए पैसे भेजे और उसे नेपाल के रास्ते अमेरिका भेजने की बात कही. इसके बाद 22 अक्टूबर को हिमांशु भाऊ ने अनु से कहा कि वह अपने पीजी को खाली करे और नेपाल बॉर्डर के पास पहुंचने की योजना बनाए. हिमांशु भाऊ के इशारे पर अनु नेपाल के रास्ते अमेरिका जाने की तैयारी में थी, लेकिन उसे लखीमपुर खीरी में ही पकड़ लिया गया.

बर्गर किंग में अमन जून की हत्या के अलावा अनु का नाम गोहाना के एक मिठाई की दुकान पर हुई फायरिंग में भी सामने आया था. फिलहाल पुलिस अनु से जुड़ी सभी घटनाओं की बारीकी से जांच कर रही है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसके संपर्क में कौन-कौन लोग थे और क्या उसे इस दौरान किसी अन्य प्रकार की मदद मिली.

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