कबूतरों को दाना डालने पर मुंबई में नया बवाल, सड़क पर उतरा गुजराती-जैन समुदाय, CM को देना पड़ा दखल

मुंबई.  मुंबई में मराठी-गैर मराठी विवाद के बाद अब एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। BMC चुनावों से पहले उठा यह विवाद अब सियासी रंग लेने लगा है और धीरे-धीरे स्थानीय बनाम बाहरी की लड़ाई का मुद्दा बनता जा रहा है। दरअसल, कबूतरों को दाना डालने की वजह से स्थानीय और बाहरी यानी जैन और गुजराती समुदाय के बीच तनातनी बढ़ गई है। स्थानीय लोग इस बात का विरोध कर रहे हैं कि जैन और गुजराती समुदाय के सदस्यों ने कथित तौर पर दादर कबूतरखाने के ऊपर से तिरपाल फाड़कर कबूतरों को दाना क्यों डाला?

बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद कबूतरखाने के ऊपर तिरपाल डाल दिया गया था। जैन समुदाय और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस प्रतिबंध का विरोध किया है और कहा है कि कबूतरों को दाना डालने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए, अन्यथा पक्षी भूखे मर जाएँगे। इसी कड़ी में सड़कों पर उतरे जैन और गुजराती समुदाय के लोगों ने दादर कबूतरखाने के ऊपर से तिरपाल फाड़कर कबूतरों को दाना डाल दिया। इसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया है।

शिवसेना ने की निंदा

तिरपाल फाड़कर दाना डालने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब ये मामला सियासी तुल पकड़ने लगा है। उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने भी इस घटना की निंदा की है। शिवसेना की विधान पार्षद और पार्टी प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा है कि दादर कबूतरखाना के बाहर जैन समुदाय का विरोध प्रदर्शन अतिशयोक्तिपूर्ण है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा करना किस कानून के तहत उचित है?

जब पतंगबाजी में मरते हैं पक्षी, तब कहां गई संवेदना?

कायंदे ने कहा, “जब गुजरात में पतंग उत्सव होता है, तो नुकीले धागों के कारण कई पक्षी मारे जाते हैं या घायल हो जाते हैं। क्या तब कोई धार्मिक मुद्दा नहीं उठता? यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि कबूतर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ पैदा करते हैं। इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।” कई संगठन सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन पर आरोप लगा रहे हैं कि वोट की खातिर एक छोटे से अल्पसंख्यक समुदाय के आगे बेवस हो गए हैं।

CM फडणवीस ने की बैठक

इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक बैठक की और कहा कि नगर निगम ही कबूतरों को दाना देगा। हालाँकि, बुधवार को कबूतरखाने पर अभी भी तिरपाल की चादरें लगी होने के कारण, गुस्साए जैन समुदाय के सदस्यों ने कथित तौर पर तिरपाल फाड़कर कबूतरों को दाना डाल दिया। बहरहाल, मुंबई नगर निगम ने दाना डालने से रोकने के लिए वहां फिर से तिरपाल लगा दिया है।

MNS ने नजरें गड़ाईं

इस बीच, भाजपा कोटे से मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने घटनास्थल का दौरा किया और प्रदर्शनकारियों को धैर्य रखने की सलाह दी। उन्होंने प्रदर्शनकारियों द्वारा कानून अपने हाथ में लेने और कबूतरों को दाना डालने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। दूसरी तरफ, राज ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी MNS ने फिलहाल इस विवाद पर अपनी पैनी नजर गड़ा रखी है और कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगाने के कदम का समर्थन किया है। MNS ठाणे में भी कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है।

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