बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़कर भागने के तुरंत बाद ही मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व करना शुरू कर दिया है। नई सरकार का कहना है कि बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के बीच हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। चार सप्ताह में 42 पुलिसकर्मियों समेत 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच शनिवार को सैयद रेफात अहमद ने देश में नए प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला। नवनियुक्त प्रधान न्यायाधीश रेफात अहमद ने आते ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि न्यायपालिका का कोई भी व्यक्ति किसी ‘‘गलत काम’’ में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अटॉर्नी जनरल के कार्यालय और सुप्रीम कोर्ट बार द्वारा अपीलीय प्रभाग में आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए रेफात अहमद ने छात्रों के विरोध-प्रदर्शनों में मारे गए लोगों को याद किया, जिसके परिणामस्वरूप पिछले सप्ताह शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं छात्रों और पूरे देश के लोगों को बधाई देता हूं। मैं उन लोगों को भी बधाई देता हूं जिन्होंने इस आंदोलन का समर्थन किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों ने असमानता के खिलाफ एक बड़ी जागृति पैदा की है। छात्रों और जनता की क्रांति के कारण, मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसे मैं पूरा करूंगा। हमें मौजूदा हालात को बदलकर नए सिरे से शुरुआत करनी होगी।’’
‘डेली स्टार’ अखबार ने अपनी खबर में बताया कि प्रधान न्यायाधीश ने चेतावनी दी कि न्यायपालिका में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘यदि न्यायपालिका से जुड़ा कोई भी व्यक्ति किसी भी गलत काम में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि न्याय के बजाय लंबे समय से चली आ रही दमन की नीति अब समाप्त हो चुकी है।’’