एक मच्छर भी है जानलेवा ! इन 5 प्रकार के मलेरिया में मरीज का होता है बुरा हाल, जानें कैसे करें खुद का बचाव

आज दुनियाभर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस मलेरिया जैसी बीमारी के रोकथाम और जागरूकता दर्शाने के लिए मनाते है। मलेरिया, एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जो मच्छरों के काटने से फैलती है। वास्तव पर यह बीमारी मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है जो मानव शरीर में फैलने के साथ व्यक्ति को बीमारी कर देती है। वर्ल्ड मलेरिया डे के पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को मलेरिया बुखार की गम्भीरता, इसके लक्षणों और इसकी रोकथाम से जुड़े उपायों पर बात की जाती है।

मलेरिया का केवल एक प्रकार नहीं है बल्कि यह बीमारी के 5 प्रकार का होता है। चलिए जानते है कि, मलेरिया के कितने प्रकार होते है और इसके लक्षण को पहचान कर कैसे बचाव किया जा सकता है।

कैसे फैलती है मलेरिया की बीमारी

आपको बताते चलें कि, मलेरिया की बीमारी मादा मच्छर के काटने से फैलती है। इसमें मच्छर के शरीर पर प्लाज्मोडियम वीवेक्स नामक एक परजीवी (Parasite) मौजूद होता है और जब यह मादा मच्छर किसी को काटती है तो यह परजीवी (parasites) भी मानव शरीर के सम्पर्क में आ जाता है। यह सामान्य तौर पर आम बुखार होता है लेकिन इसके लक्षण और प्रकार इसे बढ़ा देते है।

जानिए कौन से होते है मलेरिया के प्रकार

आपको बताते चलें कि, मलेरिया बीमारी के कई प्रकार होते है जो अलग- अलग तरीके से मरीज को प्रभावित करते है, चलिए जान लेते है…

1- प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (P. Falciparum)

मलेरिया के पहले प्रकार की बात कर लेते है तो, यह सबसे गंभीर प्रकार में से एक होता है। इस मलेरिया में पीड़ित को बुखार में बहुत अधिक उल्टी होती है और पीड़ित व्यक्ति पूरी तरह से होश खो देता है। सिरदर्द के साथ तेज कंपकंपी होती है। यह प्रकार के मलेरिया में इंसान का बचना मुश्किल होता है।

2- सोडियम विवैक्स (P. Vivax)

मलेरिया के इस प्रकार की बात करें तो, यह सामान्य तौर देखने के लिए मिलती है यानि इसके मामले आमतौर पर सामने आते है। इस मलेरिया के मच्छर और परजीवी दिन के समय डंक मारते है और लगभग 3 दिनों बाद ही इसके लक्षण दिखायी देते हैं। कई बार सही समय पर लक्षण नहीं दिखने से बहुत देर हो जाती है मरीज का बचना मुश्किल होता है। इसके लक्षण भूख मर जाना (loss of appetite) या खाना खाने की इच्छा ना होना, तेज बुखार, सिर में दर्द है।

3-प्लास्मोडियम नोलेसी

मलेरिया के एक और प्रकार की बात करें तो, यह एक प्राइमेट मलेरिया परजीवी होता है। इसके पीड़ित मरीज में व्यक्ति को कंपकंपी के साथ बुखार होता है।

4-प्लाज्मोडियम ओवेल मलेरिया

यह मलेरिया का वह प्रकार है जिसमें मरीज को अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस प्रकार के मलेरिया का हमला लिवर पर होता है जहां पर जीवाणु निवास करते है। कई वर्षों तक मरीज के लिवर में रह सकते हैं और भविष्य में इससे बीमार होने की संभावना भी अधिक ही होती है।

5-प्लास्मोडियम मलेरिया (P. malariae)

मलेरिया के पांचवे प्रकार की बात की जाए तो, यह बेनाइन मलेरिया के नाम से जाना जाता है। यह मलेरिया अधिक घातक तो नहीं होता लेकिन आगे चलकर इससे क्वार्टन मलेरिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इस प्रकार के मलेरिया में पीड़ित व्यक्ति को 3-4 दिनों बाद बुखार आने लगता है और पीड़ित व्यक्ति के पेशाब के साथ प्रोटीन भी निकलने लगता है।

जानिए मलेरिया के 5 प्रकार (सौ. डिजाइन फोटो)

जानिए मलेरिया के सामान्य लक्षण

यहां पर मलेरिया के सामान्य लक्षण जान लीजिए जो पीड़ित में नजर आते है…

  • बुखार
  • कंपकंपी के साथ बुखार
  • बदन में अकड़न और दर्द
  • सिरदर्द
  • बहुत अधिक पसीना आना
  • मसल्स पेन
  • मतली , चक्कर और उल्टी
  • कमजोरी महसूस करना
  • ठीक से खड़े हो पाने में असमर्थ होना

जानिए मलेरिया से कैसे करें बचाव

यहां पर मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए आप इन प्रकार के बचाव के तरीके अपना सकते है जो इस प्रकार है…

  • सुबह और शाम के समय मच्छर अधिक सक्रिय रहते हैं इसीलिए, इस समय घर के दरवाजे, रोशनदान और खिड़कियां बंद कर दें।
    घर की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • घर की सभी खिड़कियों पर जाली लगाएं और दरवाजों पर भी जाली लगवा लें। ताकि मच्छर किसी भी तरीके से घुस ना पाएं।
  • जब आप घर से बाहर जाएं तो पूरी बांह के कपड़े पहनें।
  • घर के भीतर मच्छरदानी का प्रयोग करना भी मच्छरों से सुरक्षित रहने का एक अच्छा तरीका है।
  • घर में आसपास के स्थानों पर मच्छरों से बचाव के लिए कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करवाएं।
  • घर से बाहर निकलने से पहले शरीर के खुले हिस्सों जैसे चेहरा, गर्दन और हाथों पर मॉसक्यिटो रिप्लेंट क्रीम जरूर लगाएं।

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