कोलकाता में डॉक्टर के रेप और वीभत्स हत्याकांड पर पूरे देश में गुस्सा है। कोलकाता के उस आरजी मेडिकल कॉलेज के बाहर तो लगातार डॉक्टरों का धरना चल रहा है, जहां नाइट ड्यूटी के दौरान इस कांड को अंजाम दिया गया। इस बीच पूरे मामले को लेकर कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल भी निशाने पर हैं। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान भी उनका जिक्र हुआ और वकील फिरोज एडुलजी ने तो चीफ जस्टिस की बेंच से उन्हें हटाने की ही मांग की। उन्होंने कहा कि विनीत गोयल के रहते न्याय नहीं मिल पाएगा।
यही नहीं फिरोज एडुलजी ने 7 जून, 2013 को हुए कामदुनी कांड की याद दिलाई और कहा कि इस मामले में इन्हीं विनीत गोयल ने लीपापोती की थी। इसी के चलते उस कांड के आरोपी बाद में अदालत से बरी हो गए थे। कामदुनी कांड में बीए सेकेंड ईयर की छात्रा का गांव लौटते वक्त अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद उसका गैंगरेप किया गया और हत्या के बाद शव को खेत में फेंक दिया गया था। उसका शव बहुत बुरी अवस्था में पाया गया था और प्राइवेट पार्ट को चीर दिया गया था। इस मामले में चारों आरोपियों को निचली अदालत ने सजा दी थी, लेकिन बाद में हाई कोर्ट से बरी हो गए थे।
उसी केस का जिक्र करते हुए वकील फिरोज ए़डुलजी ने कहा कि तब विनीत गोयल आईजी (सीआईडी) थे। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले में टाइम का महत्व है। यदि देरी हुई तो फिर मामला डिरेल हो सकता है। आप कैसे तय करेंगे कि ऐसा न हो। चीफ जस्टिस की इस टिप्पणी पर वकील ने कहा कि यही मेरी चिंता है। उन्होंने कहा कि कामदुनी कांड में ऐसा ही हुआ था। तब मैं आरोपियों का वकील था, लेकिन इस बार पीड़िता का केस लड़ रहा हूं। वकील ने कहा, ‘इन्हीं पुलिस कमिश्नर के चलते कामदुनी केस खत्म हो गया था। उन्होंने पूरे केस को ऐसा कर दिया था कि सबूत ही पर्याप्त नहीं मिल पाए। इस मामले में भी ऐसा खतरा है।’