कथित सुकमा कांड जहाँ अवैध रेत माफिया के खिलाफ न्यूज़ बनाने गए थे तो सुकमा टी आई ने रेत माफिया के साथ मिलकर इन पत्रकारों को फसाकर पड़ोसी राज्य के पुलिस से गिरफ्तार करवाने का काम किया है, अगर पत्रकार के साथ या हो सकता है तो सोचिए आम जनता के साथ क्या होता होगा उनका आवाज़ कहा दब जाता हैं किसीको पता नहीं चलता इस बात को राज्यसरकार को गंभीरता से लेनी होगी कि यदि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को इसप्रकार बांध के जेल में जलोगे तो ये देश हित में नही होगा संभाग के सभी पत्रकार ने एक साथ जो आवाज़ उठाई उसीका नतीजा है कि जांच हुई और असली गुनाहगार जेल में है ।