टमाटर 60 रुपए किलो: छत्तीसगढ़ में भारी बारिश से सब्जियों की फसल बर्बाद, कीमतें दोगुनी हुईं

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब आम लोगों की रसोई पर भी साफ नजर आने लगा है। बिलासपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में लोकल सब्जियों की आवक घटने से बाजार में कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। टमाटर, भिंडी, लौकी, बैगन, करेला, तोरई जैसी सब्जियों के दाम एक सप्ताह में लगभग दोगुने हो गए हैं।

एक हफ्ते पहले जो टमाटर 25 से 30 रुपए प्रति किलो बिक रहा था, उसकी कीमत अब 50 से 60 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। वहीं, बैगन, करेला और भिंडी जैसे सब्जियां भी अब 40 से 80 रुपए प्रति किलो में बिक रही हैं।

बेंगलुरु से आ रही टमाटर।

क्यों बढ़े सब्जियों के दाम?

भारी बारिश के चलते प्रदेश में सब्जी उत्पादक क्षेत्रों में फसलें चौपट हो गई हैं। किसानों के अनुसार, लगभग एक हजार हेक्टेयर में सब्जियों की फसल बर्बाद हो चुकी है। पानी भरने और लगातार नमी के चलते खेतों में खड़ी सब्जियां सड़ गई हैं। किसान अब धान की रोपाई और अन्य फसलों की खेती में जुट गए हैं, जिससे सब्जी की आपूर्ति और घट गई है।

दूसरे राज्यों पर निर्भरता बढ़ी

स्थानीय आपूर्ति घटने के कारण अब टमाटर, हरी मिर्च, भिंडी, लौकी और अन्य सब्जियां कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात से मंगाई जा रही हैं। इससे परिवहन लागत भी बढ़ी है, जिसका सीधा असर खुदरा बाजार की कीमतों पर पड़ा है।

बारिश से चौपट हुई लोकल सब्जियों की फसल।

थोक मंडी में भी तेजी

तिफरा की फल-सब्जी मंडी में बुधवार को टमाटर की कीमत 600 से 650 रुपए प्रति कैरेट रही, जबकि 10 दिन पहले यही टमाटर 250 से 300 रुपए प्रति कैरेट बिक रहा था। टमाटर की आवक फिलहाल बेंगलुरु से हो रही है।

थोक फल-सब्जी मंडी तिफरा महासंघ के सचिव राज सोनकर ने बताया कि लोकल आपूर्ति लगभग बंद हो गई है, जिससे थोक और खुदरा दोनों बाजारों में दाम बेतहाशा बढ़े हैं।

बारिश में कम हुई लोकल सब्जियों की आवक।

सब्जी विक्रेताओं और उपभोक्ताओं पर असर

थोक और फुटकर दोनों बाजारों में दामों की बढ़ोतरी से सब्जी विक्रेता और ग्राहक दोनों परेशान हैं। फुटकर विक्रेताओं के मुताबिक, 40% तक कम हुई आवक और बढ़ती कीमतों के कारण बिक्री पर भी असर पड़ा है।

फिलहाल राहत के आसार नहीं

मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है। ऐसे में सब्जियों की कीमतों में और बढ़ोतरी से इंकार नहीं किया जा सकता।

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