पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के साथ आने की अटकलों के कारण दोनों भाइयों के समर्थक बेहद उत्साहित हैं। लेकिन इस बीच बीजेपी महाराष्ट्र में एक बार फिर से ऑपरेशन लोटस चलाने की तैयारी कर रही है। ऐसी अटकलें उद्धव की पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) के हिंगोली जिले के सांसद नागेश पाटिल आष्टीकर को आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के फोन कॉल के बारे में लगाई जा रही हैं।
आष्टीकर का रविवार को जन्मदिन था। इस मौके पर बीजेपी में पीएम मोदी के बाद नंबर दो की हैसियत रखनेवाले शाह ने आष्टीकर को कॉल करके जन्मदिन की बधाई दी तो यूबीटी खेमे में हड़कंप मच गया। क्योंकि रविवार को ही यूबीटी के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे का भी जन्मदिन था। लेकिन शाह ने अपने पुराने सहयोगी ठाकरे को जन्मदिन की बधाई के लिए फोन नहीं किया।
आष्टीकर को आए शाह के फोन के बाद सियासी जानकार कह रहे हैं कि बीजेपी आष्टीकर पर डोरे डाल रही है। या फिर ये उनकी छवि को संदिग्ध बनाने का प्रयास भी हो सकता है।
अब तक पार्टी के नेताओं की उपेक्षा करने वाले उद्धव ठाकरे अब अपने कुनबे को संभालने का प्रयास कर रहे हैं। रविवार को शाह के बाद उद्धव ने भी आष्टीकर को फोन करके जन्मदिन की बधाई दी। इस दौरान आष्टीकर ने भी उद्धव को जन्मदिन की बधाई दी। रविवार को अपने जन्मदिन के कारण बधाई देने वालों में व्यस्त होने के बाद भी उद्धव ने फोन करके आष्टीकर को बधाई दी। उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आप हजारों साल जिएं और हमेशा साथ रहें.” इस पर आष्टीकर ने भी उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा, “इसमें कोई शक नहीं है।
महायुती ने महानगरपालिका चुनाव को लेकर नई नीति बनाई है। तीनों दल मुंबई समेत प्रमुख नगर निगमों में अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं, तो इससे ठाकरे बंधुओं को फायदा हो सकता है। इससे मनसे और ठाकरे गुट के ज्यादा नगरसेवक चुनकर आ सकते हैं। इसी के चलते गठबंधन ने ‘नो रिस्क’ नीति अपनाई है। इस नीति के तहत, चुनाव की ज़िम्मेदारी गठबंधन के उन नेताओं को दी जाएगी जिन्हें मुंबई की जानकारी है। गठबंधन अगले एक महीने में हर वार्ड के विवादों को सुलझाकर चुनाव की तैयारी शुरू कर देगा।