वन मितान जागृति कार्यक्रम” का आयोजन 18 दिसंबर 2024 को वन प्रक्षेत्र कापसी के अंतर्गत किया गया। इस कार्यक्रम में वन प्रबंधन समिति के सदस्य, शिक्षकगण, और कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों की एक बड़ी संख्या ने भाग लिया। यह आयोजन विशेष रूप से विद्यार्थियों में वन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था, ताकि वे जैव विविधता, वानिकी, और पर्यावरण के महत्व को समझ सकें।
कार्यक्रम की शुरुआत में वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया और वन संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके बाद, शिक्षकों और समिति के सदस्यों ने विद्यार्थियों को वन चेतना केंद्र का भ्रमण कराया। इस भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को वनस्पतियों, जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों और उनके आवास के बारे में जानकारी दी गई।
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को यह बताया गया कि वनों की जैव विविधता हमारे जीवन के लिए कितनी आवश्यक है। वे यह समझ पाए कि वनों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रजातियों के पौधे, पशु, पक्षी और कीड़े-मकोड़े न केवल पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखते हैं, बल्कि हमारे लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं।
विद्यार्थियों को वन चेतना केंद्र में यह भी बताया गया कि विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ किस प्रकार की वनस्पतियों के लिए उपयुक्त होती हैं और वनों की भूमि में मिट्टी की संरचना का पर्यावरण पर कितना प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही उन्हें यह भी समझाया गया कि मिट्टी की गुणवत्ता और संरचना का वनों के संरक्षण और विकास पर गहरा असर पड़ता है।
इसके अलावा, कार्यक्रम में विद्यार्थियों को वनों की उपयोगिता के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। बताया गया कि वनों से हमें न केवल लकड़ी, औषधियाँ और खाद्यान्न मिलते हैं, बल्कि वनों का प्रमुख कार्य जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करना, वायुवायु के संतुलन को बनाए रखना, और पर्यावरण को शुद्ध रखना भी है। वनों की कमी के कारण विभिन्न प्राकृतिक आपदाएँ जैसे बाढ़, सूखा और मृदा अपरदन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।
विद्यार्थियों को यह भी बताया गया कि वनस्पतियाँ वायुमंडल में ऑक्सीजन छोड़ती हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करती हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही यह भी समझाया गया कि पशु-पक्षियों की प्रजातियाँ वन के पारिस्थितिकी तंत्र का अभिन्न हिस्सा हैं और इनकी सुरक्षा के लिए हमें वनों का संरक्षण करना आवश्यक है।
इस कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कुछ सरल उपायों के बारे में भी बताया गया, जैसे कि वृक्षारोपण, कचरे का सही निस्तारण, और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना।
कार्यक्रम के अंत में, सभी विद्यार्थियों ने वन संरक्षण की शपथ ली और यह संकल्प लिया कि वे अपने आसपास के पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रयास करेंगे। इस आयोजन ने विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को और भी प्रगाढ़ किया।
समाप्ति के बाद, सभी उपस्थित सदस्यों ने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए वन प्रबंधन समिति और शिक्षकों का आभार व्यक्त किया और यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि आने वाली पीढ़ी में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ सके।