महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बारामती में इस बार मुकाबला भतीजा बनाम भतीजा है। यहां पर शरद पवार के भतीजे अजित पवार का मुकाबला अपने भतीजे युगेंद्र से है। इसको लेकर क्या रणनीति है, इसकी अंदरूनी कहानी सामने आई है। सुप्रिया सुले ने विस्तार से बताया है कि आखिर पार्टी ने यह फैसला क्यों किया। बता दें कि लोकसभा चुनाव में अजीत पवार इस सीट पर मुंह की खा चुके हैं। इस सीट से मैदान में उतरी उनकी पत्नी को बहन सुप्रिया से हार का सामना करना पड़ा। वहीं, अजित पवार से मुकाबले पर युगेंद्र ने कहाकि यह बहुत ही दुखी और उदास करने वाला है। लेकिन उन्होंने शरद पवार के साथ खड़े रहने की बात दोहराई।
सुप्रिया सुले ने बताया कि युगेंद्र के आने से पार्टी में युवा शक्ति और नए अनुभव का संचार होगा। उन्होंने कहाकि हम नए विचारों, फ्रेश टैलेंट और गहरे अनुभव के बीच तालमेल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कई युवा नेता हमसे जुड़ रहे हैं। यह बहुत ही अच्छा है कि यह लोग कुछ नया करने की कोशिश कर रहे हैं। सुप्रिया ने कहाकि मैं अपने भाई आर-आर पाटिल को बहुत ज्यादा याद कर रही हूं। उन्होंने कहाकि जब रोहित अपना नामांकन दाखिल किया तो मेरी आंखों में आंसू थे। सुप्रिया ने कहाकि हमारी पार्टी के लिए अच्छा है कि नए चेहरे आ रहे हैं। उन्होंने कहाकि युगेंद्र मेरा बच्चा है। इन बच्चों को अपने सामने कुछ करते हुए देखना हैरान करने वाला है। आपको सबकुछ किनारे रखना होता है क्योंकि मेरे लिए यह कभी निजी लड़ाई थी। यह आदर्श की लड़ाई है।
वहीं, अजीत पवार के खिलाफ मैदान में उतरने को युगेंद्र ने दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहाकि परिवार में ऐसा होने के चलते मैं काफी दुखी हूं। यह लोकसभा से ही शुरू हो गया था। युगेंद्र ने कहाकि अजीत पवार को हमेशा शरद पवार साहब की गाइडेंस मिलती रही। इसके बाद जो कुछ भी हुआ उसे पूरे भारत ने देखा। उन्होंने कहाकि पार्टी टूट गई और चुनाव आयोग ने निशान उन्हें दे दिया। युगेंद्र ने आगे कहाकि हमारे लिए यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण था, ऐसे में परिवार ने तय किया कि हम पवार साहेब को समर्थन देंगे। वह हमारे परिवार के संरक्षक हैं। सिर्फ बारामती ही नहीं, बल्कि तमाम लोगों को उनका आशीर्वाद प्राप्त है।
अजीत के खिलाफ चुनावी लड़ाई को लेकर युगेंद्र ने कहाकि मुझे नहीं लगता है यह बहुत कठिन होने वाली है। हालांकि यह आसान भी नहीं होगा। उन्होंने कहाकि पवार साहब पहले अजीत पवार को सपोर्ट करते थे। हम भी प्यार से उन्हें दादा कहते थे। लेकिन बारामती के लोग बड़ी संख्या में पवार साहब के साथ हैं। यह बात लोकसभा चुनाव में भी साबित हो चुका है। आगामी विधानसभा चुनाव में इतिहास फिर से दोहराया जाएगा। इससे पहले अजीत पवार ने एक रोडशो निकाला था। उन्होंने कहाकि इस बार बारामती के लोग मुझे जीत दिलाएंगे। उन्होंने कहाकि जब भी मेरे खिलाफ कोई उम्मीदवार खड़ा होता है तो मैं उसे एक मजबूत प्रत्याशी के तौर पर लेता हूं। इसके हिसाब से ही चुनाव अभियान चलाता हूं।