मिलावटी घी के बाद अब मिलावटी दवाइयों को लेकर जो रिपोर्ट सामने आई है वह डराने वाली है. एक नई जांच रिपोर्ट में पता चला है कि हमारे देश में 53 दवाइयों में मिलावट पाई गई है.इन दवाइयों में Paracetamol, Pan-D और Telma-H जैसी दवाइयां भी शामिल हैं, जिन्हें आप बुखार के लिए, एसिडिटी के लिए और ब्लड प्रेशर के लिए इस्तेमाल करते हैं.
चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें दवाई बनाने वाली बड़ी-बड़ी ब्रांडेड कंपनियां शामिल हैं. सबसे खास बात ये कि इन कंपनियों ने बड़ी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बॉन्ड के जरिये करोड़ों रुपये का चंदा दिया है. तो आईए जानते हैं कि इन दवाई कंपनियों ने कांग्रेस और बीजेपी को कितना चुनावी चंदा दिया है-
– इनमें सबसे बड़ी फार्मा कंपनी का नाम है, TORRENT PHARMACEUTICALS, जिसकी दो असली दवाइयां क्वॉलिटी टेस्ट में खराब निकली हैं. इनमें पहली दवाई का नाम है, Shelcal और दूसरी दवाई का नाम है, Montair LC. इस फार्मा कंपनी ने 77 करोड़ 50 लाख रुपये के चुनावी Bonds खरीदे थे. जिनमें से 61 करोड़ रुपये के चुनावी BONDS बीजेपी को, 5 करोड़ के चुनावी BONDS कांग्रेस पार्टी को और 3 करोड़ रुपये के चुनावी BONDS समाजवादी पार्टी को और एक करोड़ रुपये के चुनावी BONDS इस फार्मा कंपनी ने आम आदमी पार्टी को भी दिए थे.
– दूसरी फार्मा कंपनी का नाम है, ALKEM (ऐल्केम) Health Science और ये कंपनी PAN-D दवाई बनाती है और इसने भी बीजेपी को 15 करोड़ रुपये के चुनावी BONDS दिए थे.
– जिस तीसरी फार्मा कंपनी की दवाइयों में मिलावट मिली है, उसका नाम है, हेटरो Labs Limited. इस कंपनी ने 25 करोड़ रुपये के चुनावी BONDS खरीदे थे, जिनमें से 20 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव की पार्टी को मिले थे और पांच करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बीजेपी को मिले थे.
– चौथी दवा कंपनी का नाम है, SUN फार्मा. इस कंपनी ने बीजेपी को साढ़े 31 करोड़ रुपये के चुनावी BONDS खरीदकर चंदा दिया था.
इससे आप समझ सकते हैं कि आज जिन फार्मा कंपनियों की दवाइयों में मिलावट मिली है, उन कंपनियों ने चुनावों से बड़ी-बड़ी पार्टियों को चुनावी BONDS खरीदकर चंदा दिया था. हालांकि SUN फार्मा और TORRENT फार्मा कंपनी ने कहा कि जिन दवाइयों में मिलावट मिली हैं, वो नकली हैं और इन्हें इन कंपनियों ने नहीं बनाया है.