उत्तराखंड में बिगड़ा मौसम, जारी हुई चेतावनी, येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि यह अस्थिर मौसम प्रणाली 12 अप्रैल तक सक्रिय रह सकती है. हालांकि, राहत की बात यह है कि 13 अप्रैल से प्रदेशभर में मौसम के साफ रहने की संभावना जताई गई है.

उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर बदल गया है। पिछले दो दिनों से पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश और ओलावृष्टि का सिलसिला जारी है, जिसने जनजीवन को प्रभावित किया है।मौसम विभाग ने आज भी पर्वतीय जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। खासकर चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा जिले के कुछ हिस्सों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि की प्रबल संभावना है।मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इन इलाकों में कई दौर की झोंकेदार हवाओं के साथ गरज-चमक के बीच बारिश हो सकती है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।वहीं, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में भी तेज गर्जना के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी जारी की गई

लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में यह राहत की बारिश अब मुसीबत का कारण बनती दिख रही है। तेज बारिश और ओलावृष्टि से भूस्खलन और रास्ते बाधित होने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि, मैदानों में यह बारिश गर्मी से कुछ राहत जरूर लेकर आई है…

अलर्ट मोड पर प्रशासन
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ओलावृष्टि के कारण खेतों में खड़ी फसलें और बागवानी को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने वाले लोगों को जरूरी सतर्कता बरतने और मौसम की जानकारी लेकर ही सफर करने की हिदायत दी गई है. इसके अलावा प्रशासन को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है

मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि यह अस्थिर मौसम प्रणाली 12 अप्रैल तक सक्रिय रह सकती है. हालांकि, राहत की बात यह है कि 13 अप्रैल से प्रदेशभर में मौसम के साफ रहने की संभावना जताई गई है. इससे लोगों को एक बार फिर सामान्य जनजीवन की ओर लौटने का अवसर मिलेगा

विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेने जरूरी

यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले कुछ वर्षों में मौसम में तेजी से आए बदलावों ने पहाड़ी राज्यों के सामने नई और गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। लगातार बदलता यह मौसम न केवल यहां की पारंपरिक खेती-बाड़ी पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, जिससे किसानों की आजीविका खतरे में पड़ रही है… बल्कि उत्तराखंड की महत्वपूर्ण चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियों पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है। अप्रत्याशित मौसम के कारण यात्रियों की संख्या घट सकती है और पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हो सकता है।

ऐसे नाजुक समय में, मौसम विभाग द्वारा जारी की जा रही हर चेतावनी को गंभीरता से लेना हम सभी के लिए बेहद जरूरी है। अपनी सुरक्षा और क्षेत्र की स्थिरता के लिए मौसम के पूर्वानुमानों पर ध्यान देना और आवश्यक सावधानी बरतना अनिवार्य है।

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